मंगलवार, 1 सितंबर 2015

सोई हुई प्रजा

एक राजा था जिसकी प्रजा हम भारतीयों की तरह सोई हुई थी !

बहुत से लोगों ने कोशिश की प्रजा जग जाए...

अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसका विरोध करे,

लेकिन प्रजा को कोई फर्क नहीं पड़ता था !

राजा ने तेल के दाम बढ़ा दिये, प्रजा चुप रही,राजा ने अजीबो गरीब टैक्स लगाए, प्रजा चुप रही,राजा मनमानी करता रहा लेकिन प्रजा चुप रही,

एक दिन राजा के दिमाग मे एक बात आई उसने एक अच्छे-चौड़ेरास्ते को खुदवा के एक पुल बनाया जबकि वहां पुल की कतई आवश्यकता नहीं थी...

प्रजा फिर भी चुप थी, किसी ने नहीं पूछा के भाई यहाँ तो किसीपुल की जरुरत नहीं है, आप काहे बना रहे है..?

राजा ने अपने सैनिक उस पुल पे खड़े करवा दिए और पुल से गुजरने वाले हर व्यक्ति से टैक्स लिया जाने लगा,

फिर भी किसीने कोई विरोध नहीं किया !

फिर राजा ने अपने सैनिको को हुक्म दिया कि जो भी इस पुल से गुजरे उसको ""4 जूते"" मारे जाए और एक शिकायत पेटी भी पुल पर रखवा दी कि किसी को अगर कोई शिकायत हो तो शिकायत पेटी मे लिख कर डाल दे,

लेकिन प्रजा फिर भी चुप !

राजा रोज़ शिकायत पेटी खोल कर देखता की शायद किसी ने कोई विरोध किया हो, लेकिन उसे हमेशा पेटी खाली मिलती !

कुछ दिनो के बाद अचानक एक चिट्ठी मिली ..

राजा खुश हुआ के चलो कम से कम एक आदमी तो जागा....

जब चिट्ठी खोली गयी तो उसमे लिखा था -
"हुजूर जूते मारने वालों की संख्या बढ़ा दी जाए"...

हम लोगों को घर जाने मे देरी होती है !

ऐसे हो गए हैं हम ....
और हमारा समाज......

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