शुक्रवार, 11 सितंबर 2015

मुगलों का षड़यंत्र

हिंदू धर्म ग्रंथ नहीँ कहते कि देवी को शराबचढ़ाई जाये..,ग्रंथ नहीँ कहते की शराब पीनाही क्षत्रिय धर्म है.. ये सिर्फ़ एक मुग़लों कीसाजिशथी हिंदुओं को कमजोर करने की ! जानिये एकअनकही ऐतिहासिक घटना..."एक षड्यंत्र और शराब की घातकता...."कैसे हिंदुओं की सुरक्षा प्राचीर को ध्वस्तकिया मुग़लों ने ??जानिये और फिर सुधार कीजिये !!मुगल बादशाह का दिल्ली में दरबार लगा थाऔर हिंदुस्तान के दूर दूर के राजामहाराजा दरबार में हाजिर थे , उसी दौरानमुगल बादशाह ने एक दम्भोक्तिकी "है कोई हमसे बहादुर इस दुनिया में ?"सभा में सन्नाटा सा पसर गया ,एक बार फिरवही दोहराया गया !तीसरी बार फिर उसने ख़ुशी से चिल्ला कर कहा"है कोई हमसे बहादुर जो हिंदुस्तान पर सल्तनतकायम कर सके ??सभा की खामोशी तोड़ती एक बुलन्द शेरसी दहाड़ गूंजी तो सबका ध्यान उस शख्स कीऔर गया ! वो जोधपुर के महाराजा राव रिड़मलथे !रिड़मल जी ने कहा, "मुग़लों में बहादुरी नहीँकुटिलता है..., सबसे बहादुर तो राजपूत है दुनियाँमें,मुगलो ने राजपूतो को आपस में लड़वा करहिंदुस्तान पर राज किया !कभी सिसोदिया राणा वंश को कछावाजयपुर से तो कभी राठोड़ो कोदूसरे राजपूतो से...।बादशाह का मुँह देखने लायक था , ऐसा लगाजैसे किसी ने चोरीकरते रंगे हाथो पकड़ लिया हो ।"बाते मत करो राव...उदाहरण दो वीरता का ।"रिड़मल ने कहा "क्या किसी कौम में देखा हैकिसी को सिर कटनेके बाद भी लड़ते हुए ??"बादशाह बोला ये तो सुनी हुई बात है देखा तोनही ,रिड़मल बोले" इतिहास उठाकर देख लो कितने वीरो कीकहानिया है सिरकटने के बाद भी लड़ने की ... "बादशाह हसा और दरबार में बेठे कवियों की औरदेखकर बोला "इतिहास लिखनेवाले तो मंगते होते है में भी 100 मुगलो के नामलिखवा दूँ इसमें क्या ? मुझे तोजिन्दा ऐसा राजपूत बताओ जो कहे की मेरासिर काट दो में फिरभी लड़ूंगा ।"राव रिड़मल निरुत्तर हो गए और गहरे सोच में डूबगए ।रात को सोचते सोचते अचानक उनको रोहणीठिकाने के जागीरदारका ख्याल आया ।रात को 11 बजे रोहणी ठिकाना (जो कीजेतारण कस्बे जोधपुररियासत) में दो घुड़सवार बुजुर्ग जागीरदार केपोल पर पहुंचे और मिलनेकी इजाजत मांगी । ठाकुर साहब काफी वृदअवस्था में थे फिर भी उठ कर मेहमान की आवभक्तके लिएबाहर पोल पर आये ,, घुड़सवारों ने प्रणाम कियाऔर वृद ठाकुर की आँखों मेंचमक सी उभरी और मुस्कराते हुए बोले " जोधपुरमहाराज...आपको मैंने गोद में खिलाया है और अस्त्र शस्त्रकी शिक्षादी है.. इस तरह भेष बदलने पर भी में आपको आवाजसेपहचान गया हूँ ।हुकम आप अंदर पधारो...मैं आपकी रियासत काछोटा साजागीरदार, आपने मुझे ही बुलवा लिया होता।राव रिड़मल ने उनको झुककर प्रणाम किया औरबोले एक समस्या है , और बादशाह के दरबारकी पूरी कहानी सुना दी, अबआप ही बताये की जीवित योद्धा का कैसेपताचले की ये लड़ाई में सिर कटने के बाद भी लड़ेगा ?रोहणी जागीदार बोले ," बस इतनीसी बात..मेरे दोनों बच्चे सिर कटने के बाद भीलड़ेंगे और आपदोनों को ले जाओ दिल्ली दरबार में ये आपकीऔररजपूती की लाज जरूर रखेंगे "राव रिड़मल को घोर आश्चर्य हुआ कि एक पिताको कितना विश्वास है अपने बच्चो पर.. , मानगए राजपूती धर्म को ।सुबह जल्दी दोनों बच्चे अपने अपने घोड़ो के साथतैयार थे!उसी समय ठाकुर साहब ने कहा ," महाराजथोडा रुकिए में एक बारइनकी माँ से भी कुछ चर्चा कर लूँ इस बारे में ।"राव रिड़मल ने सोचा आखिर पिता का ह्रदय हैकैसे मानेगा अपने दोनों जवान बच्चो के सिरकटवाने को , एक बार रिड़मल जी ने सोचा कीमुझे दोनों बच्चो कोयही छोड़कर चले जाना चाहिए ।ठाकुर साहब ने ठकुरानी जी को कहा " आपकेदोनों बच्चो कोदिल्ली मुगल बादशाह के दरबार में भेज रहा हूँसिर कटवाने को , दोनों में सेकौनसा सिर कटने के बाद भी लड़ सकता है ? आपमाँ हो आपको ज्यादा पताहोगा !ठकुरानी जी ने कहा बड़ा लड़का तो क़िले औरक़िले के बाहर तकभी लड़ लेगा पर छोटा केवल परकोटे में ही लड़सकता हैक्योंकि पैदा होते ही इसको मेरा दूध नहीमिला था।।लड़ दोनों ही सकते है ,आप निश्चित् होकर भेजदो ।दिल्ली के दरबार में आज कुछ विशेष भीड़ थीऔर हजारो लोग इस द्रश्य को देखने जमा थे ।बड़े लड़के को मैदान में लाया गया और मुगलबादशाह ने जल्लादो को आदेश दियाकी इसकी गर्दन उड़ा दो..तभी बीकानेर महाराजा बोले "ये क्यातमाशा है ?राजपूती इतनी भी सस्तीनही हुई है , लड़ाई का मोका दो और फिर देखोकौन बहादुर है ?बादशाह ने खुद के सबसे मजबूत और कुशल योद्धाबुलाये और कहा ये जो घुड़सवार मैदान मेंखड़ा है उसका सिर् काट दो...20 घुड़सवारों को दल रोहणी ठाकुर के बड़े लड़केका सिर उतारने को लपका औरदेखते ही देखते उन 20 घुड़सवारों की लाशें मैदानमें बिछगयी ।दूसरा दस्ता आगे बढ़ा और उसका भी वही हालहुआ , मुगलोमें घबराहट और झुरझरि फेल गयी ,इसी तरहबादशाह के500 सबसे ख़ास योद्धाओ की लाशें मैदान मेंपड़ीथी और उस वीर राजपूत योद्धा के तलवार कीखरोंच भी नही आई ।।ये देख कर मुगल सेनापति ने कहा " 500 मुगलबीबियाँ विधवा करदी आपकी इस परीक्षा ने अब और मतकीजिये हजुर , इस काफ़िर को गोली मरवाईएहजुर... तलवारसे ये नही मरेगा...कुटिलता और मक्कारी से भरे मुगलो ने उस वीर केसिर मेंगोलिया मार दी । सिर के परखचे उड़ चुके थे परधड़ ने तलवारकी मजबूती कम नही करी औरमुगलो का कत्लेआम खतरनाक रूप से चलते रहा ।बादशाह ने छोटे भाई को अपने पास निहथे बेठारखा था ये सोच कर की यदि येबड़ा यदि बहादुर निकला तो इस छोटे को कोईजागीर दे कर अपनीसेना में भर्ती कर लूंगा लेकिन जब छोटे ने येअंन्याय देखा तो उसने झपटकरबादशाह की तलवार निकाल ली ।उसी समय बादशाह के अंगरक्षकों ने उनकी गर्दनकाटदी फिर भी धड़ तलवार चलाता गया औरअंगरक्षकों समेतमुगलो का काल बन गए ।बादशाह भाग कर कमरे में छुप गया और बाहरमैदान में बड़े भाई और अंदर परकोटे में छोटेभाई का पराक्रम देखते ही बनता था । हजारोकी संख्या मेंमुगल हताहत हो चुके थे और आगे का कुछ पता नहीथा ।बादशाह ने चिल्ला कर कहा अरे कोई रोकोइनको..।एक मौलवी आगे आया और बोला इन पर शराबछिड़क दो ।। राजपूत का इष्टकमजोर करना हो तो शराब का उपयोग करो।दोनों भाइयो पर शराब छिड़की गयी ऐसाकरते हीदोनों के शरीर ठन्डे पड़ गए ।मौलवी ने बादशाह को कहा " हजुर ये लड़नेवाला इनका शरीरनही बल्कि इनका इष्ट देवी है और ये राजपूतशराब से दूररहते है और अपने धर्म और इष्ट को मजबूत रखते है ।यदि मुगलो को हिन्दुस्तान पर शासन करना हैतो इनका इष्ट और धर्म भृष्ट करो और इनमेदारु शराब की लत लगाओ ।। यदि मुगलो में येकमियां हटा दे तो मुगलभी मजबूत बन जाएंगे ।उसके बाद से ही राजपूतो में मुगलो ने शराब काप्रचलन चलाया औरधीरे धीरे राजपूत शराब में डूबते गए औरअपनी इष्ट देवी को नाराज करते गए ।और मुगलो ने मुसलमानो को कसम खिलवाई कीशराब पीने केबाद नमाज नही पढ़ी जा सकती । इसलिए इससेदूर रहिये ।।मांसाहार जैसी राक्षसी प्रवृत्ति पर गर्व करनेवाले राजपूतों कोयदि ज्ञात हो तो बताएं और आत्म मंथन करें किमहाराणा प्रताप कीबेटी की मृत्यु जंगल में भूख से हुई थी क्यों...?यदि वो मांसाहारी होते तो जंगल में उन्हेंजानवरों कीकमी थी क्या मार खाने के लिए...?इसका मतलब कि राजपूत हमेशा शाकाहारी थेकेवल कुछस्वार्थी राजपूतों ने जिन्होंने मुगलों कीआधिनतास्वीकार कर ली थी वे मुगलों को खुश करने केलिए उनके साथ मांसाहार करने लगे और अपने आपको मुगलों का विश्वासपात्र साबित करनेकी होड़ में गिरते चले गयेहिन्दू भाइयो ये सच्ची घटना है और हमे हिन्दूसमाज को इसकुरीति से दूर करना होगा । तब ही हम पुनःखोया वैभव पासकेंगे और हिन्दू धर्म की रक्षा कर सकेंगे ।और जब हम धर्म की रक्षा करेगे तो धर्म भी हमारी रक्षा करेगा।

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